CSC-IESGN SDG कॉन्क्लेव: सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम"
CSC-IESGN SDG कॉन्क्लेव: सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम"
नई दिल्ली। ईएसजी के क्षेत्र में देश में जागरूकता फैलाने के लिए, सीएससी अकादमी और इंडियन ईएसजी नेटवर्क ने तीन मई 2024 को नई दिल्ली के इंडिया हेबिटेट सेंटर, में "सीएससी-आईईएसजीएन एसडीजी कॉन्क्लेव" का आयोजन किया। इस कॉन्क्लेव का मकसद नामी-गिरामी विशेषज्ञों की मौजूदगी में ESG से जुड़े प्रमुख विषयों पर सार्थक बहस करना था।
कॉन्क्लेव में, देश में सतत विकास के लक्ष्य कैसे हासिल किए जाएं, बड़े पैमाने पर सामाजिक प्रभाव के लिए रणनीतियाँ, ईएसजी बनाम सीएसआर, और सीएसआर का बदलता परिदृश्य जैसे सामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई।
आज के दौर में ईएसजी काफी लोकप्रिय शब्द है जो कि सतत विकास से संबंधित है। ईएसजी का मतलब है - एनवायरनमेंट, सोशल और गवर्नेंस। ईएसजी ने धरती और लोगों की बेहतरी के लिए काम करने के मानक विकसित किये हैं।
कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए, अतुल कुमार तिवारी, सचिव- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने कहा, “आईईएसजीएन और सीएससी के बीच सहयोग, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। लाभार्थियों को उनके घर के पास जाकर सुविधाएं प्रदान कर, सीएससी केंद्र ग्रामीण भारत को सशक्त बना रहे हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग दो-तिहाई कंपनियां एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रयास करती हैं, और 60% क्षमता निर्माण और तकनीकी पर जोर देती हैं। सीएससी इस दिशा में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।”
उन्होंने कहा, “सीएसआर परियोजनाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी देखना उत्साहजनक है। सीएससी बाल विद्यालय जैसी पहल के साथ तकनीक-आधारित शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है और सबसे गरीब तबके तक भी अपनी सेवाएं पहुंचा रहा है। पीएम विश्वकर्मा योजना में सीएससी की महत्वपूर्ण भूमिका, ईएसजी लक्ष्यों के माध्यम से ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”
कार्यक्रम के दौरान अपने विचार रखते हुए एस. कृष्णन, सचिव-इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, “कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के प्रति सीएससी की प्रतिबद्धता से सामाजिक बदलाव पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। सीएससी की सफलता हमें प्रेरित करती है कि योजनाओं को अच्छी तरह से डिजाइन किया जाए, उनकी संकल्पना ठीक से हो, और लक्ष्यों का निर्धारण ठीक से किया जाए। ऐसी परियोजनाएं स्वाभाविक रूप से अपने प्रभाव से लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं जैसा कि सीएससी ने किया है। सीएससी मॉडल में विचारों और दृष्टिकोणों की विविधता दिखाई देती है और इस तरह से यह समाज में व्यापक और सार्थक योगदान दे रहा है।”
सतत विकास की दिशा में किए गए प्रयास देश में सामाजिक विकास लाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। सीएससी गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता, ग्रामीण विकास और आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को सशक्त बना रहा है।
इस मौके पर अतिथियों का स्वागत करते हुए, सीएससी अकादमी के अध्यक्ष और सचिव संजय राकेश ने कहा, “लगभग 5.7 लाख से अधिक वीएलई के साथ सीएससी की 15 वर्षों की यात्रा, सामाजिक उत्थान की दिशा में सामुदायिक और गैर-सरकारी सेवा वितरण की ताकत को दर्शाती है। सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता डिजिटल वैन, स्त्री स्वाभिमान और बाल स्वास्थ्य जैसी पहलों के माध्यम से बढ़ी है। इन सभी में हमारे पार्टनर्स का काफी बड़ा योगदान है। सीएससी अकादमी द्वारा सीएससी बाल विद्यालय जैसी नवीन परियोजनाओं की शुरूआत और आईआईटी-दिल्ली के सहयोग से 20 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से संज्ञानात्मक विकास को बढ़ाना तकनीक आधारित शिक्षा और स्थानीय विकास पर हमारे फोकस को रेखांकित करता है। हमारा लक्ष्य है- दूरदराज के इलाकों में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर गांव से शहर की तरफ होने वाले पलायन को कम करके स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाएं।"
कॉन्क्लेव के दौरान ईएसजी के दौर में सीएसआर की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा की गई और इस बात पर भी विचार किया गया कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास के लक्ष्य दोनों को एक साथ कैसे हासिल किया जाये? विशेषज्ञों के नेतृत्व में हुई परिचर्चा में सतत विकास हासिल करने की दिशा में शिक्षा, कौशल, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता और स्वास्थ्य सेवा में सीएससी की पहल को साझा किया गया।
इस अवसर पर विक्रांत एब्रॉल, संस्थापक - इंडिया ईएसजी नेटवर्क, प्रो. ज्योति कुमार, आईआईटी दिल्ली, डॉ. निशांत चड्ढा - डॉयरेक्टर, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, प्रिया नाइक, फाउंडर-सम्हिता, आशिमा सिंह, जनरल मैनेजर- लर्निंग लिंक फाउंडेशन, मैरी रूपा टेटे, उपाध्यक्ष - उषा समूह, राजीव मलिक, सीईओ - ग्रैपोस कनेक्ट, डॉ. अजीत (सेवानिवृत्त आईएएस), अर्थ केयर फाउंडेशन, दिनेश अग्रवाल सलाहकार-कंसोशिया एडवाइजरी, डॉ. चंद्रशेखर, ईडी, ईडीसीआईएल, अक्षय धूत, निदेशक- स्मार्टपिंग, शीना सुरेश, एवीपी- एचएसबीसी, गिरिजा मुकुंद, निदेशक-कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी और ईएसजी किंड्रिल, विदुषी सक्सेना, एडोबी, प्रदीप सिंह, प्रमुख सीएसआर मॉनिटरिंग और इम्पैक्ट असेसमेंट एचडीएफसी बैंक, संजीव सहगल, एमडी और संस्थापक-स्पर्श सीसीटीवी जैसे गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कॉन्क्लेव के दौरान सीएससी की यात्रा और प्रमुख उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम ने ईएसजी से जुड़े पेशेवरों को एक साथ जुड़ने का एक अच्छा अवसर भी प्रदान किया।
सीएससी के बारे में
सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) डिजिटल इंडिया मिशन के तहत संचालित किए जाने वाले पहल का हिस्सा है जिसका मकसद भारतीय गाँवों को डिजिटली सामर्थ्यवान बनाना है। सीएससी, देश के दूर दराज और ग्रामीण इलाकों में आईटी-और वाणिज्यिकी क्षमता को बढ़ाने के लिए संगठनात्मक संसाधनों का उपयोग करता है। इसके साथ ही सामुदायिक और व्यक्तिगत विकास की प्रक्रिया में उन्नति को सुनिश्चित करता है। यह केंद्र भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सामुदायिक संगठनों, जिला प्रशासनों और आईटी कंपनियों के साथ सहयोग करता है। जरूरी सरकारी और सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं प्रदान करने के अलावा, सीएससी देश में कई सामाजिक कल्याण योजनाएं, वित्तीय सेवाएं, शैक्षिक पाठ्यक्रम, कौशल विकास पाठ्यक्रम, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि सेवाएं और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी चलाती है।