अलख पांडे ने छात्रों की ओर से एनटीए के नीट परिणामों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की
भारत, 9 जून, रविवार: नीट के प्रसिद्ध टीचर अलख पांडे हाल ही में नीट यूजी 2024 की घोषणा से सम्बंधित विवादों से चिंतित हैं, जिसमें छात्रों के बीच समय चूक, अतार्किक तरीके से ग्रेस मार्क प्रदान करने और अंकों के सामान्यीकरण की अस्पष्ट विधि को लेकर असंतोष है। इस संबंध में 5 जून 2024 का एनटीए द्वारा जारी स्पष्टीकरण परिपत्र संतोषजनक नहीं था और अंकों के सामान्यीकरण, प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्ष और विवेकपूर्ण अंकन के बारे में उत्तरों की तुलना में अधिक प्रश्न उठाए। यहां तक कि कल आयोजित पीआईबी की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी एक दिखावा और सीमित तथ्यों की पुनरावृत्ति मात्र थी। बाहरी जांच के बजाय एनटीए द्वारा ही तथाकथित हाई पॉवर कमेटी का गठन किया जा रहा है।
इसलिए अलख पांडे अपने छात्रों के हित में एक जनहित याचिका (पीआईएल) के माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय जायेंगे, जिसका उद्देश्य, काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने से पहले, एनटीए से विस्तृत जानकारी और सुधारात्मक उपाय मांगना रहेगा।
अलख पांडे ने पहले ही एनटीए को एक विस्तृत कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें सभी सवाल उठाए गए हैं और एनटीए की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
पीआईएल के माध्यम से अलख पांडे कहते हैं कि वह अपने छात्रों की ओर से पूरी पारदर्शिता के अलावा और कुछ नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि एक ऐसी परीक्षा में जहां 23 लाख छात्र बैठते हैं, उनमें से कई अपने सपनों के मेडिकल कॉलेज की सीट पाने के लिए कई प्रयास करते हैं, इसमें निष्पक्षता और न्याय के अलावा कोई विकल्प न रहे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परीक्षण प्रक्रिया पर स्टूडेंट्स का भरोसा दृढ़ और बरकरार रहे।