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साइलेंट हार्ट अटैक: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
हार्ट अटैक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो आमतौर पर छाती में तीव्र दर्द के साथ आती है। हालांकि, साइलेंट हार्ट अटैक इस प्रकार के पारंपरिक लक्षणों के बिना भी हो सकता है, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है। इसे 'साइलेंट' इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण या तो मामूली होते हैं या सामान्य हार्ट अटैक के लक्षणों के मुकाबले कम स्पष्ट होते हैं। इस लेख में हम साइलेंट हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानेंगे।
साइलेंट हार्ट अटैक के कारण
साइलेंट हार्ट अटैक के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जो सामान्य हार्ट अटैक के समान ही होते हैं। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
धमनियों का संकुचित होना: कोरोनरी धमनियों का संकुचित होना साइलेंट हार्ट अटैक का प्रमुख कारण है। जब धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, तो रक्त प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे हृदय को ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे धमनियों को नुकसान पहुंचता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
डायबिटीज: मधुमेह से पीड़ित लोगों में धमनियों के नुकसान और हार्ट अटैक का जोखिम अधिक होता है।
कोलेस्ट्रॉल: उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर धमनियों में प्लाक जमा होने का कारण बनता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है।
धूम्रपान: धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ाता है।
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण सामान्य हार्ट अटैक के लक्षणों से अलग हो सकते हैं और ये अक्सर हल्के होते हैं। मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
हल्का सीने में दर्द या दबाव: छाती में तीव्र दर्द की बजाय, हल्का दर्द या दबाव महसूस हो सकता है जो जल्दी ठीक हो जाता है।
सांस लेने में कठिनाई: सांस लेने में हल्की कठिनाई महसूस हो सकती है, जिसे लोग आमतौर पर नजरअंदाज कर देते हैं।
थकान और कमजोरी: बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है।
पसीना आना: अचानक पसीना आना, खासकर ठंडा पसीना आना साइलेंट हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
गले या जबड़े में दर्द: गले या जबड़े में दर्द जो अन्य कारणों से संबंधित नहीं है, साइलेंट हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है।
साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
साइलेंट हार्ट अटैक से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर स्तर की जांच कराएं। इससे हृदय संबंधी समस्याओं का समय पर पता चल सकता है।
स्वस्थ आहार: हृदय को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और पोषक आहार का सेवन करें। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं।
व्यायाम: नियमित व्यायाम से हृदय स्वस्थ रहता है। हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने की कोशिश करें।
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसे छोड़ने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है।
तनाव प्रबंधन: मानसिक तनाव हृदय पर बुरा प्रभाव डालता है। ध्यान, योग और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।
शराब का सेवन कम करें: अत्यधिक शराब का सेवन हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
निष्कर्ष
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण साधारण होते हैं, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और नियमित जांच कराएं। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सही आहार, व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। साइलेंट हार्ट अटैक से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है।