काला पीलिया यानी मौत अगर आपके शरीर में दिख रहे हैं यह संकेत तो सतर्क हो जाए

 काला पीलिया: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय


काला पीलिया, जिसे हेपेटाइटिस बी के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर वायरस संक्रमण है जो लीवर (यकृत) को प्रभावित करता है। यह संक्रमण हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होता है और यह रक्त और शारीरिक द्रव्यों के माध्यम से फैलता है। इस बीमारी के कारण लीवर की सूजन, क्षति, और संभावित रूप से लीवर कैंसर हो सकता है।

काला पीलिया के लक्षण

काला पीलिया के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं और इनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. जॉन्डिस (पीलिया): त्वचा और आंखों का पीला हो जाना।
  2. थकान: लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना।
  3. भूख में कमी: भूख में कमी और वजन कम होना।
  4. बुखार: हल्का बुखार रहना।
  5. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और अकड़न।
  6. पेट दर्द: पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और सूजन।
  7. गहरे रंग का मूत्र: मूत्र का रंग गहरा हो जाना।
  8. मिचली और उल्टी: मिचली आना और उल्टी होना।
  9. मल का रंग फीका: मल का रंग हल्का या फीका हो जाना।

काला पीलिया के कारण

हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के संक्रमण के कारण काला पीलिया होता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, योनि स्राव, और अन्य शारीरिक द्रव्यों के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमण के मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. संक्रमित रक्त: संक्रमित रक्त के संपर्क में आना, जैसे कि असुरक्षित रक्त आधान।
  2. असुरक्षित यौन संपर्क: असुरक्षित यौन संबंध बनाना।
  3. संक्रमित सुई: संक्रमित सुई और अन्य चिकित्सा उपकरणों का प्रयोग।
  4. मां से शिशु में संक्रमण: गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से शिशु को संक्रमण।
  5. अन्य शारीरिक द्रव्यों का संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के लार, पसीने, और आँसू के संपर्क में आना।

काला पीलिया से बचने के उपाय

काला पीलिया से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  1. टीकाकरण: हेपेटाइटिस बी के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। यह टीका शिशुओं, बच्चों, और उच्च जोखिम वाले वयस्कों के लिए उपलब्ध है।
  2. सुरक्षित यौन संबंध: यौन संपर्क के दौरान कंडोम का प्रयोग करना चाहिए।
  3. स्वच्छता: सुई, रेज़र, और अन्य निजी उपयोग के सामान को साझा करने से बचें।
  4. स्वच्छ चिकित्सा उपकरण: चिकित्सा प्रक्रियाओं में स्वच्छ और एक बार उपयोग होने वाले उपकरणों का प्रयोग सुनिश्चित करें।
  5. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचाव: संक्रमित व्यक्ति के रक्त और अन्य शारीरिक द्रव्यों के संपर्क से बचें।
  6. सुरक्षित रक्त आधान: केवल जांचे गए और सुरक्षित रक्त का आधान करवाएं।
  7. सामाजिक जागरूकता: हेपेटाइटिस बी के प्रति जागरूकता फैलाएं और इसके बारे में सही जानकारी दें।


निष्कर्ष

काला पीलिया एक गंभीर बीमारी है जो लीवर को प्रभावित करती है और इसके लक्षण समय पर पहचानने और उचित इलाज करवाने की आवश्यकता होती है। टीकाकरण और सुरक्षित व्यवहार अपनाकर इससे बचा जा सकता है। इसलिए, हेपेटाइटिस बी के प्रति जागरूक रहें और खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।


Disclaimer: हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉर्मेशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारी या विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।



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