श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी का जीवन परिचय जन्म से अब तक का सफर

 लाल कृष्ण आडवाणी: जन्म से लेकर अब तक का सफर

लाल कृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख नेता और भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण शख्सियत हैं। उनका जीवन और राजनीतिक सफर प्रेरणादायक और उल्लेखनीय है। आडवाणी का जीवन सफर एक साधारण परिवार से शुरू होकर भारतीय राजनीति के शिखर तक पहुंचा है। यहां उनके जीवन के प्रमुख पहलुओं का विवरण दिया जा रहा है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची, अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता का नाम कृष्णचंद डी. आडवाणी और माता का नाम ज्ञान देवी था। आडवाणी का प्रारंभिक शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल में हुई। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से पूरी की।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

आडवाणी का राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ने के साथ शुरू हुआ। 1947 में, विभाजन के समय उन्होंने कराची में संघ के स्वयंसेवक के रूप में सेवा दी। बाद में वे भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में परिवर्तित हो गया। 1951 में, उन्होंने भारतीय जनसंघ के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और जल्दी ही पार्टी के प्रमुख नेताओं में शामिल हो गए।

भारतीय जनता पार्टी का गठन

1975-77 के आपातकाल के दौरान आडवाणी को जेल में भी रहना पड़ा। 1980 में भारतीय जनसंघ और अन्य पार्टियों के विलय से भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ और आडवाणी इसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राम जन्मभूमि आंदोलन

1980 और 1990 के दशक में, आडवाणी ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1990 में उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा की, जिसने भारतीय राजनीति में बीजेपी को एक नई दिशा दी। इस यात्रा ने बीजेपी को एक राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत राजनीतिक ताकत बना दिया।

उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री

1998 में, बीजेपी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार बनी और आडवाणी उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री बनाए गए। उनके कार्यकाल में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किए और कारगिल युद्ध लड़ा। आडवाणी ने अपने कार्यकाल के दौरान देश की सुरक्षा और विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।

पार्टी अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता

आडवाणी ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का नेतृत्व किया, हालांकि पार्टी को इन चुनावों में सफलता नहीं मिली। 2009 में, उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में अपनी भूमिका जारी रखी और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया। आडवाणी ने राजनीति में अपनी सक्रियता को कम किया, लेकिन उनकी सलाह और मार्गदर्शन हमेशा पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा।

निजी जीवन और सम्मान

लाल कृष्ण आडवाणी का विवाह कमला आडवाणी से हुआ था और उनके दो बच्चे हैं - एक पुत्र जयंत और एक पुत्री प्रतिभा। आडवाणी के योगदान को देखते हुए उन्हें 2015 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।


निष्कर्ष

लाल कृष्ण आडवाणी का जीवन एक प्रेरणा स्रोत है, जिन्होंने भारतीय राजनीति में अपने उत्कृष्ट योगदान से एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उनका समर्पण, नेतृत्व और विचारधारा भारतीय राजनीति में हमेशा याद रखी जाएगी। आडवाणी का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।



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